Gulzar Shayari:- हेल्लो दोस्तों आपका स्वागत है हमारे इस पोस्ट में जिसमे हमने गुलज़ार साहब की शायरी शेयर की है | इस पोस्ट में आपको Gulzar Shayari On Life और Gulzar Shayari Love मिलेंगे जिनको आप यह से Copy करके Whatsapp और Facebook पे शेयर कर सकते है | अगर आपको हमारी ये पोस्ट अच्छी लगे तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे |
Gulzar Shayari On Life In Hindi । Gulzar Shayari In Hindi 2 Lines
तुझ से बिछड़ कर कब ये हुआ कि मर गए, तेरे दिन भी गुजर गए और मेरे दिन भी गुजर गए।
बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से, यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है।
ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहाँ होगा ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है।
तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं, बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।
मेरा हक़ नहीं है तुम पर, ये जानता हु में, फिर भी न जाने क्यों, दुआओ में तुझको मांगना अच्छा लगता हे।
आइना देख कर तसल्ली हुई, हम को इस घर में जानता है कोई।
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में, बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं, रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं।
वो शख़्स जो कभी मेरा था ही नही, उसने मुझे किसी और का भी नही होने दिया।
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता कोई एहसास तो दरिया की अना का होता।
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी, जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।
वो किसी और की ख़ातिर हमें भूल भी गए तो कोई बात नहीं, हम भी तो भूल गए थे सारा जहां उनके ख़ातिर।
तेरी तरह बेवफा निकले मेरे घर के आईने भी¸खुद को देखूं तेरी तस्वीर नजर आती है।
जिन दिनों आप रहते थे, आंख में धूप रहती थी अब तो जाले ही जाले हैं, ये भी जाने ही वाले हैं।
होती नही ये मगर हो जाये ऐसा अगर तू ही नज़र आए तू जब भी उठे ये नज़र।
मीलो का सफर, पल में बर्बाद कर गया, उसका ये कहना… कहो कैसे आना हुआ ।
तुम्हें जिंदगी के उजाले मुबारक अंधेरे हमें आज रास आ गए हैं तुम्हें पा के हम खुद से दूर हो गए थे तुम्हें छोड़कर अपने पास आ गए हैं।
दूसरा मौका सिर्फ, मोहब्बत को दिया जाता हे, जिस शख्स से, मोहब्बत थी उसे नहीं।
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया।
एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा, ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा।
तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन, ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन।
इतना क्यों सिखाई जा रही हो जिंदगी हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां।
चुप हो तो पत्थर ना समझना मुझे¸दिल पर असर हुआ है¸ किसी अपने की बात का।
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम, कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
उधड़ी सी किसी फ़िल्म का एक सीन थी बारिश, इस बार मिली मुझसे तो ग़मगीन थी बारिश।
Gulzar Ki Shayari In Hindi
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया।
सुरमे से लिखे तेरे वादे आँखों की जबानी आते हैं मेरे रुमालों पे लब तेरे बाँध के निशानी जाते हैं।
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा, क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।
पता चल गया है के मंज़िल कहां है चलो दिल के लंबे सफ़र पे चलेंगे सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वहीं पर जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे।
वह चीज जिसे दिल कहते है हम भूल गए है रखकर कहीं ।
आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं, मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ ।
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं, और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।
तजुर्बा कहता है रिश्तों में फैसला रखिए, ज्यादा नजदीकियां अक्सर दर्द दे जाती है।
कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़, किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे।
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं, और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।
महफ़िल में गले मिलकर वह धीरे से कह गए, यह दुनिया की रस्म है, इसे मुहोब्बत मत समझ लेना ।
पहली मोहब्बत मुकदमे की तरह होती है ना खत्म होती है ना इंसान को बाइज्जत बरी करती है।
बार बार ज़ुल्फो को, कानों से हटा रहे हे वो लाए हे हम उनके लिए झुमके, सबको बता रहे हे वो।
शाम से आँख में नमी सी है आज फिर आप की कमी सी है।
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़ किसी की आंख में हम को भी इंतिज़ार दिखे।
एक बीते हुए रिश्ते की एक बीती घड़ी से लगते हो तुम भी अब अजनबी से लगते हो।
जब मिला शिकवा अपनों से तो ख़ामोशी ही भलीं, अब हर बात पर जंग हो यह जरुरी तो नहीं।
इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगी, हमें कोनसी यहं ज़िन्दगी गुजारनी है।
ऐसा कोई ज़िंदगी से वादा तो नही था तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था।
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ, किसी की आँख में हम को भी इंतज़ार दिखे।
तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं।
छोटा सा साया था, आँखों में आया था, ओश की बूंदों सी थी तुम्हारी मोहब्बत जिसे हमने इस सीने में समाया था।
Gulzar Shayari On Life
पलक से पानी गिरा है तो उसे गिरने दो, कोई पुरानी तम्मना पिघल रही होगी ।
वो उम्र कम कर रहा था मेरी, मैं साल अपने बढ़ा रहा था।
हम अपनों से परखे गए हैं कुछ गैरों की तरह, हर कोई बदलता ही गया हमें शहरों की तरह।
अच्छी किताबें और अच्छे लोग, तुरंत समझ में नहीं आते, उन्हें पढना पड़ता हैं।
तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं, तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं ।
बीच आसमां में था बात करते- करते ही, चांद इस तरह बुझा जैसे फूंक से दिया, देखो तुम इतनी लम्बी सांस मत लिया करो।
जब भी दिल यह उदास होता है जाने कौन आस-पास होता है, कोई वादा नहीं किया लेकिन क्यों तेरा इंतज़ार रहता है।
बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो, मजबूरियों को मतं कोसो, हर हाल में चलना सीखो।
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी है।
कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आती, जब तक ख़ुद पर ना गुजरे।
बहुत छाले है उसके पैरों में कमबख्त उसूलों पर चला होगा।
खुदा ने पुछा की क्या सजा दूं उस बेवफा को, हमने भी कह दिया बस उसे मोहब्बत हो जाये किसी बेवफा से।
मुकम्मल इश्क से ज्यादा तो चर्चे अधूरी मोहब्बत के होते हैं ।
तेरी तरह बेवफा निकले मेरे घर के आईने भी खुद को देखूं तेरी तस्वीर नजर आती है।
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में, एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।
मैं दिया हूँ! मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं, हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।
आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ।
बहुत अंदर तक जला देती हैं, वो शिकायते जो बया नहीं होती।
तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ, तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ ।
प्यार करता हु इसलिए फ़िक्र करता हु, नफरत करने लगा तो ज़िक्र भी नहीं करूँगा।
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में, एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।
मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो? नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।
बहुत अंदर तक जला देती हैं, वो शिकायते जो बया नहीं होती।
हाथ छुटे तो भी रिश्ते नहीं छोड़ा करते, वक़्त की शाख से रिश्ते नहीं तोड़ा करते।
पूरा दिन गुजर गया और आपने याद तक ना किया मुझे नही पता था कि इश्क में भी इतवार होता है।
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते, वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।
वो किसी और की ख़ातिर हमें भूल भी गए तो कोई बात नहीं, हम भी तो भूल गए थे सारा जहां उनके ख़ातिर।
वो किसी और की ख़ातिर हमें भूल भी गए तो कोई बात नहीं, हम भी तो भूल गए थे सारा जहां उनके ख़ातिर।
आइना देख कर तसल्ली हुई, हमको इस घर में जानता है कोई।
चूल्हे नहीं जलाए कि बस्ती ही जल गई, कुछ रोज़ हो गए हैं…अब उठता नहीं धुआँ।
ये इश्क़ मोहब्बत की रिवायत भी अजीब है पाया नहीं है जिसको उसे खोना भी नहीं चाहते।
मैं दिया हूँ! मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं, हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं, और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।
साथ साथ घूमते है हम दोनों रात भर¸ लोग मुझे आवारा उसको चांद कहते है।
थोड़ा सा रफू करके देखिए ना फिर से नई सी लगेगी जिंदगी ही तो है।
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते, वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।
अपने उसूल कभी यूँ भी तोड़ने पड़े खता किसी और की थी और हाथ हमें जोड़ने पड़े।
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको, क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया।
तलब ऐसी की सांसो में समां लूंगा तुझे किस्मत ऐसी के देखने को मोहताज हूं तुझे।
फर्क था हम दोनों की मोहब्बत ने मुझे उससे ही थी उसे मुझसे भी थी।
मैं दिया हूँ मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।
ठुकरा दो अगर देकोई जिल्लत से समंदर इज्जत से जो मिल जाए वह कतरा ही बहुत है।
शोर की तो उम्र होती हैं, ख़ामोशी तो सदाबहार होती हैं।
लौटने का ख्याल भी आए तो बस चले आना, इंतजार आज भी बड़ी बेसब्री से है तुम्हारा।
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